वापसी By Ajay Purohit
@Ajaythetwit
{Aaj Sirhaane Distinction – Best Writing}
हाँफते-२ मैं दौड़ा चला जा रहा था, संकरी घाटी पर, घर की ओर ।
‘टिल्लू, पानी ठीक से ले जईय्यो… नहीं तो फ़िर से नीचे आना पड़ेगा ‘ कुसुम की आवाज़ थी । उन पगडंडियों, झाड़ियों व पथरीली राहों में ना जाने कैसा रोमांच था ।
‘साहब, मंसा देवी घाटी…! ऊपर मंदिर है, एक छोटी बस्ती भी । मास्टरनी दीदी रहती हैं… अकेली ।’ दालान में बच्चों को पढ़ा रही थी कुसुम दी । पथराई आँखें, किसी के इंतज़ार में…शायद !
‘…..प्रकृति जितना सिखाती है, वो ईश्वर की कृपा है । आगे बढ़ो, पर इस से आगे नहीं…’
मैंने सुना व मन ही मन एक दृढ़ निश्चय किया !
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अंधेरा By Hetaxi Maheshwari
@hetaxi_
{Story Of The Week – Second}
– दादाजी .. पापा कह रहे थे पहले अपने गांव की इस जगह पर बहुत छोटे-बडे पैड और बेलें हुआ करती थी .. मजा आता होगा ना वहां खेलने में ..
– हाँ .. बहुत अच्छा माहौल था पहले का ..
– पर अंधेरे से भरी रहती थी ना यह जगह तो ..
– अंधेरा, जीवजंतु, पक्षी, प्राणी हर चीज़ से भरी रहती थी यह जगह..
– तब तो अच्छा है यहाँ शौपिंग मॉल बन गया .. इन चीज़ों का डर भी दूर और उजाला भी हो गया ..
– ना .. ना .. यह तो आनेवाले कुल का अंधेरा है बेटा ..
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बेजान तस्वीर By Hetaxi Maheshwari
@hetaxi_
अवनी : कितना भी भाग .. मैं भीगो कर रहूँगी ..
आकाश : आ .. भीगो ..
माँ : पानी क्यों बिगाड रहे हो तीनों ? नहीं मिलेगा तब पछताओगे ..
अवनी : माँ आइ भागो वरना लेक्चर सुनना पडेगा ..”
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सृष्टि : माँ कहाँ खो गई ? नौ बज गये है पानी चला जाएगा मुझे स्कूल के लिए देरी हो रही है।
अवनी : हँ .. हाँ .. हाँ ….
“वहाँ से भागना शुरू किया था आज भी भाग रही हो .. फर्क इतना की .. वहाँ से भागी थी पानी बहाने के लिए और आज भाग रही हो बचाने के लिए ..!!” कडवा सच बता कर तस्वीर फिर से बेजान हो गई।
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पानी By Fazal Abbas
@fazlabas
{Aaj Sirhaane Distinction – Out Of the Box Thinking}
कहते हैं “ पानी ज़िंदगी है “। मनुष्य ही नहीं, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, मछली, कीड़े मकोड़े कोई भी पानी के बिना ज़िंदा नहीं रह सकते। हर साल गरमी के मौसम में ताल तलैया सूख जाते हैं और अगली बरसात होने…
ठीक है, डायरेक्टर ने कहा ये कमेंटरी में डाल देंगे।गीतकार कौन होंगे? नीरदजी। उनको लाइन दे देंगे ‘ टैंकरों की जा रही क़तार देखते रहे ‘ । प्रोड्यूसर के मन में अचानक न जाने क्या ख़याल आया, कहा – रहने दो, सरकार की जिम्मेदारी है, फ़िल्म डिवीज़न डाकुमेंटरी बनाये। ख़बर है कि धूप में पानी भर भर के एक लड़की लू लगने से मर गयी।
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समझ By Jagrati Mishra
@jagrati_mishra
“दीदी ! पर्ची कहाँ से फाडू़ँ, पेपर खतम …”
कीकू मासूमियत से बोला
“कीकू ! तूने बहुत काग़ज़ बर्बाद किया है…..पानी और काग़ज़ बर्बाद नहीं करते…”
“पर दीदी देखो, बाहर वो बच्चे पानी फैला रहे हैं…”
कीकू खिड़की से झाँककर बोला
“मैं उन्हें भी समझा दूँगी..तुझे पता है काग़ज़ और पानी कहाँ से आता है ?? “
“ना….”
“अरे बुद्धू …पेड़ों से “
“अगर मैं पेंड़ लगाऊँ तो क्या काग़ज़ मिलेगा ??”
“हाँ ….पानी और साँसें भी….”
कीकू दौड़कर बाहर गया और एक छोटा पौधा लेकर आया…..
थोड़ी देर बाद, पौधा और कीकू आँगन में झूम रहे थे….
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फ़्री By Navneet Mishra
@micromishra
{Story Of The Week – First} {Aaj Sirhaane Distinction – Good angle.}
– “पानी बरबाद मत किया कर नहीं तो पिटेगा”
– “अरे पानी भी कहीं खतम होता है क्या? इत्ती सी बात नहीं समझती। फ़्री का है फ़्री का”
शकुन्तला की तन्द्रा टूटी जब बहू ने आवाज़ लगाई। आज शकुन्तला को बचपन याद आ गया। सास-बहू में पानी को लेकर अक्सर बहस हो जाती।
“माँ जी पानी फ़्री का थोड़े है। इतना महँगा पानी पेड़ों मे डालने की क्या ज़रूरत है? ये 2050 है, आपका ज़माना नहीं ”
“तब पेड़ों का ध्यान रखते न बेटा तो आज भी पानी मेरे बचपन की तरह फ़्री होता.. ”
टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज़ थी ‘पानी को लेकर दो गुटों में भिड़न्त; दो की मौत’
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तोहफा By Shikha Saxena
@shikhasaxena191
{Story Of The Week – First}
“बाबा मुझे जन्मदिन पर घड़ी चाहिए”
“मुझे साइकिल”
“और मुझे वीडियोगे”
तीनो बच्चों की फरमाइशें थी…
लेकिन मैं तो इससे भी अच्छे तोहफे आया हूँ.. आओ..
देखा तो कुछ पौधे और बीज रखे हुए थे.. नन्ही अंकिता का मुँह बन गया
देखो बच्चों ये तुम्हारे एक बेहतरीन दोस्त साबित होगें , हमेशा देते ही रहते हैं और इन्हें चाहिए क्या बस थोड़ा प्यार और देखभाल ..मेरे बाबा भी यही तोहफा देते थे और देखो आज हमारे आसपास कितनी हरियाली है
बाबा मुझे अपना तोहफा बहुत पसंद आया मैं तो चला लगाने और पानी देने
रूको भैया पहले मैं लगाऊँगी..
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आखिर सच है By Amit Rawat
@amitrawatt001
अरे तुम ऐसे पानी से क्यों खेल रहे हो..??
हा हा भैया..ये टून्टी का पानी नहीं है
यहाँ पानी की कोई कमी नहीं……राहुल ने मुझ पर पानी फेंकते हुए कहा ।
अरे..!! सुनिता को देखो पेड़ पर चढ़ गई कहीं गिर ना जाए
“नहीं गिरती भैया”- आप भी आ जाओ
“यार, अब मैं बड़ा हो गया हूँ”
हा हा हा….. इन पहाड़ो से भी बडे़ क्या..??
राहुल के ये शब्द जैसे कटार की तरह मेरे सीने में चुभे ।
मैं सोचने लगा-” आखिर सच है, मैं इन पेडो़ से, इस बहते पानी से, इन पहाडो़ से बड़ा तो नहीं हुआ ..
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NOTES FROM GUEST EDITOR, Abid Zaidi
Hello All lovely writers. I felt the the topic was difficult this time. What do you say? Anyway, here are the three best stories I liked and ranked. The first two are tied for the first spot.
First Spot
Tohfa By Shikha : An important message to a child…gifting nature…the value of the gift, so beautifully brought out in a few sentences.
Free By Navneet Mishra : Message with a suspense…all essentials of a story in 101 words
Second Spot
Andhera By Hetaxi : Though a good message & creating an impact, it has little connection with the photograph.
Well done, all of you.
NOTES FROM AAJ SIRHAANE TEAM
I would like to say that Vaapsi By Ajay Purohit is by far the most well written story of the week. The story starts with an action and ends with a learning. This fast slow movement creates a visual engagement for the reader.
Paani By Fazal Abbas had a potential to be a great story, had there not been a word limit. This was out of box thinking.
Free By Navneet Mishra was also a good angle.
My congratulations to all.
– Anuradha
खूबसूरत कहानियाँ 👏👏..बहुत-बहुत बधाई आज सिरहाने मंडली को और शुक्रिया आज सिरहाने को हम सब की प्रेरणा बनने के लिए …
आज विश्व पृथ्वी दिवस पर हम सब सिर्फ कहानियाँ लिख कर ही अपने कर्तव्यों को खत्म न कर लें बल्कि ज़्यादा से ज़्यादा पेड़-पौधे लगाकर और जल की बर्बादी रोककर अपना कुछ तो योगदान दें, लोगों को जागरूक करें और भविष्य खूबसूरत बनायें
kitni khoobsurat baat kahi aapne Shikha.
Thank you, May EKESES mein phir aapka intezaar rahega.
– AS Team
Iss saptah me #ASMandali ka participation kaafi kam raha… magar achi baat yeh ki sabki koshish achi rahi or achi kahanniyan padhne ko mili..
mujhe kahani “free” or andhera achi lagi.
Mujhe bahut afsoos hai ki main khud bhi nahi likh saka Topic bahut acha tha or mere zehan me kai plot the sab k sab apne ass pass ke paryavaran se jude hue.
Magar personal Schedule gadbada gaya or Net connectivity bhi.
But i will write on this picture and topic very soon in my blog.
Thank you Rizwan, May EKESES mein aapka intezaar rahega.
– AS Team