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  1. sacredheartsip says:

    Superb songs.. all are my fav

  2. Archana Aggarwal says:

    ये भला किसे नापसंद होंगें

  3. बेहतरीन गाने

  4. Rahulshabd says:

    वाह बहुत ही सुंदर गीत हैं।
    असल में शैलेंद्र जैसे ख़ज़ाने से सिर्फ पांच हीरे चुनना
    बड़ा ही मुश्किल काम है, पर आपने इस कार्य को बखूबी
    अंजाम दिया है।
    मज़ा आ गया इन नायाब गीतों को सुनकर।
    शुक्रिया विशाल।।

    1. abvishu says:

      Shukriya aap sabhi logon ka bhi . mushkil tha mere liye par likhte aur sunte waqt bahut maza aaya

  5. Fazal Abbas says:

    शायरी में एक स्टाइल है जिसमें अगर पद्य , गाने की लय में न चाहें तो गद्य की तरह पढ़ लें. ये बात शायरी की किताब से जानता था मगर ‘ मूवी महल ‘ के एक एपीसोड मे गुलज़ार साहब ने ये बात शैलेंद्र जी के बारे में कही थी कि उनके गाने सीधे सीधे वाक्य होते हैं। शैलेंद्र जी के फ़िल्मी गीतों मे ये ख़ूबी औरों के मुक़ाबले कहीं ज़्यादा रही। इन पाँच गीतों मे मुझे ” दिन ढल जाये” बेहद पसंद है।”तुम मुझ से …..कौन मनाये “, ऐसे ख़याल कमाल के होते हैं। पहली बार फ़िल्म में सुना तो दिल फड़क गया। सारे गाने कैसे सुन पायेंगे?

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