वाह सुप्रिया जी शतरंज में चौसठ खानो में जिन्दगी की चाल को बहुत उम्दा तरीके से बयां किया है। उसपर नवनीत जी का कविता परिचय चार चाँद लगा देता है।आप लोग ऐसे ही लिखते रहे। पूरी आज सिरहाने टीम को कलेवर के लिए भी बधाई।
वाह सुप्रिया! बहुत जबरदस्त …आपका लिखा हुआ पढ़ना हमेशा ही कुछ नया सीखा जाता है और नवनीत जी ने भी भूमिका बनाने में बहुत साथ दिया है..बहुत सुन्दर परिचय ..
बधाई आप तीनो को..
सुप्रिया,नवनीत और आज सिरहाने 👏👏
वाह सुप्रिया जी कामल धमाल कितनी ख़ूबसूरती से आपने ज़िन्दगी को शतरंज से तुलना करके बेहद बारीकी से उकेरा है। बधाई आप की कलम को।और नवनीत जी का परिचय भी बहुत खूब है।
नवनीत जी का परिचय अपने आप मे कविता के पीछे छुपें भावोऔ की परतें खोल देता है..सुप्रिया..इतनी कम उम्र मे मानों जीवन को भलीभांति समझ गयी हो..इतना परिपक्व लेखन के लिये साधुवाद ।तस्वीर का चयन बहुत खूबसूरत अनु..बधाई आप तीनों को..
Behatareen kavita. Zindagi gamble hai, chess hai bilkul sahi. Supreet aapne zindagi k upar jo likha vo sochne par baadhya karta hai.
Navneet ji aapki kavita hamesha hi kaavya hoti h. Ye intro vakai lajwaab hai. Congrats both.
Aaj sirhaane 🙂 🙂 superb
waah!! waah!! supriya!! kamal kar diya ek baar phir!! bahut achcha likha tumne!! zindagi ko toh samajh hi gayi ho, iski chaal ko bhi…ab ise pachhad bhi do, jeet jaao bas….
शुक्रिया आप सभी का जो आपने वक़्त निकाल कर इस रचना को पढ़ा
शुक्रिया आजसिरहाने के मंच का जो उन्होंने ये मौका मुझे प्रदान किया
और
शुक्रिया तात की प्रेरणा का जिनके बिना ये मुमकिन न था
आप सब के साथ सीखने और चलने का जो मज़ा है वो ही ज़िन्दगी है.. इतने अच्छे लोग अगर न मिलते तो शायद अपनी बात कहना भी नहीं आता मुझको
वो एक गाना है
ज़िन्दगी हर कदम एक नयी जंग है
जीत जायेंगे हम, तू अगर संग है
सुप्रिया! क्या कमाल लिखते हो आप, कितनी ख़ूबसूरती से शतरंज और ज़िंदगी का मेल बिठाया है….बहुत ख़ूब!! आपका लेखन बेहद संजीदा और ख़ूबसूरत है। बधाई आपको!
नवनीत….बहुत ख़ूब परिचय….एकदम सटीक और भावपूर्ण।
कमाल का backdrop इस बार भी Anu! 👌👌
निहायत ख़ूबसूरत सुप्रिया …..बस वाह।
वाह सुप्रिया जी शतरंज में चौसठ खानो में जिन्दगी की चाल को बहुत उम्दा तरीके से बयां किया है। उसपर नवनीत जी का कविता परिचय चार चाँद लगा देता है।आप लोग ऐसे ही लिखते रहे। पूरी आज सिरहाने टीम को कलेवर के लिए भी बधाई।
वाह सुप्रिया! बहुत जबरदस्त …आपका लिखा हुआ पढ़ना हमेशा ही कुछ नया सीखा जाता है और नवनीत जी ने भी भूमिका बनाने में बहुत साथ दिया है..बहुत सुन्दर परिचय ..
बधाई आप तीनो को..
सुप्रिया,नवनीत और आज सिरहाने 👏👏
कमाल कर दिया जी , अप्रतिम कल्पना , सुंदर परिचय , आप सभी का अभिनंदन
वाह सुप्रिया जी कामल धमाल कितनी ख़ूबसूरती से आपने ज़िन्दगी को शतरंज से तुलना करके बेहद बारीकी से उकेरा है। बधाई आप की कलम को।और नवनीत जी का परिचय भी बहुत खूब है।
“ढ़ाई क़दम छलांग
ख्वाबों के घोड़े की”
अद्भुत अप्रतिम, बेहतरीन कविता
नवनीत भाई आपने लाज़वाब परिचय दिया …. दोनो ही बेमिसाल
कविता की प्रथम दो पंक्तियाँ जीवन का सार लिए हुए हैं | बेहतरीन प्रयास ज़िन्दगी को एक अलग दृष्टि से देखने का | सुन्दर परिचय दिया हैं नवनीत ने | बधाई !
नवनीत जी का परिचय अपने आप मे कविता के पीछे छुपें भावोऔ की परतें खोल देता है..सुप्रिया..इतनी कम उम्र मे मानों जीवन को भलीभांति समझ गयी हो..इतना परिपक्व लेखन के लिये साधुवाद ।तस्वीर का चयन बहुत खूबसूरत अनु..बधाई आप तीनों को..
Behatareen kavita. Zindagi gamble hai, chess hai bilkul sahi. Supreet aapne zindagi k upar jo likha vo sochne par baadhya karta hai.
Navneet ji aapki kavita hamesha hi kaavya hoti h. Ye intro vakai lajwaab hai. Congrats both.
Aaj sirhaane 🙂 🙂 superb
waah!! waah!! supriya!! kamal kar diya ek baar phir!! bahut achcha likha tumne!! zindagi ko toh samajh hi gayi ho, iski chaal ko bhi…ab ise pachhad bhi do, jeet jaao bas….
navneet babu bahut umda parichay diya aapne….kavyatmak…
badhai aap dono ko!!
शुक्रिया आप सभी का जो आपने वक़्त निकाल कर इस रचना को पढ़ा
शुक्रिया आजसिरहाने के मंच का जो उन्होंने ये मौका मुझे प्रदान किया
और
शुक्रिया तात की प्रेरणा का जिनके बिना ये मुमकिन न था
आप सब के साथ सीखने और चलने का जो मज़ा है वो ही ज़िन्दगी है.. इतने अच्छे लोग अगर न मिलते तो शायद अपनी बात कहना भी नहीं आता मुझको
वो एक गाना है
ज़िन्दगी हर कदम एक नयी जंग है
जीत जायेंगे हम, तू अगर संग है
साथ बनाये रखें 😊🙏