छह दिन और आठ कहानियों का ये सफ़र बहुत रचनात्मक और मनोरंजक रहा ..
जहाँ एक तरफ कथानक और भावनाओं की अभिव्यक्ति ने पाठकों का दिल जीता, तो कहीं कहीं पर कुछ आलोचना भी लेखकों के हिस्से आयी|कुछ कहानियों ने हमारे अंतर मन को स्पर्श किया और हम उन के साथ एक जुड़ाव महसूस कर सके, तो कुछ कहानियों ने हमारे अवलोकन और मनन की परिधि को विस्तृत किया|
अठारह महीनों बाद, आज सिरहाने एवं मंडली इतने आगे आ चुके हैं कि अब हमारे लेखकों से, सब से बेहतरीन कहानियों और रचनाओं की अपेक्षा की जाती है|ऐसे में आप सभी के अपना अनमोल समय और रचनात्मक प्रतिक्रिया दे कर हमें अपने लेखन को सशक्त बनाने कि ओर प्रोत्साहित किया है|
यूँ तो छह दिन के आंकड़े बताते हैं आपके स्नेह की सच्ची कहानी ..
Twitter Impressions 65,000+
Twitter Engagement 3000+
Website Page Views : 4500+
Website New Visitors : 1100+
लेकिन इन आंकड़ों से परे है हमारे इन प्रयासों का एक सुखद प्रभाव| जी हाँ.. पौरुष कथा संकलन की कहानियों से प्रेरित हो कर, प्रकाशित कवयित्री और हमारी प्यारी रेणु मिश्रा ने कुछ ही घंटो में लिख डाली अपनी सबसे पहली कहानी| आइये पढ़ते हैं कहानी “अहम्”.. भला पौरुष संकलन को विदा करने का इस से बेहतर अंदाज क्या हो सकता है|
अहम् द्वारा रेणु मिश्रा
संकलन की शेष कहानियाँ
(अगर आप भी कहानी लिखना चाहते हैं या हमारे अगले कहानी ग्रुप का हिस्सा बनना चाहते हैं तो हम से ईमेल द्वारा संपर्क कर सकते हैं .. aajsirhaane@gmail.com )
Many many congratulations for successful completion of one more writing project!!
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