फ़िल्म: आमद लेखक और निर्देशक: नीरज उधवानी मुख्य कलाकार: साक़िब सलीम, आरिफ़ जक़ारिया, अबीर पंडित, चारु रोहतगी बात पुरुषत्व की चली तो किसी ने नीरज उधवानी की “आमद” देखने का सुझाव दिया। नृत्य-कला की पृष्ठभूमि पर रची यह कहानी अत्यंत सम्वेदनशीलता से पिता-पुत्र के नाज़ुक रिश्ते को प्रस्तुत करती है। कहानी का मूल संघर्ष नृत्य-कला…
Tag: Anamika Purohit
Review : White Shirt : Anamika Purohit
फ़िल्म – वाइट शर्ट लेखक एवं निर्देशक – सुमित अरोड़ा मुख्य कलाकार – कृतिका कामरा (वाणी); कुणाल कपूर (अविक) भिन्न वस्तुओं या विचारों में समानता बैठाना सरल नहीं; पर यदि ये अनैलॉजी बैठ जाए तो लेखन का ज़ायक़ा बढ़ जाता है। सफ़ेद क़मीज़ और एक रूमानी रिश्ते के बीच ऐसी-ही समानता बैठाई है, लेखक सुमित अरोड़ा…
Best Of Swalekh : April 28
स्वलेख : April 16, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल विषय : मोड़ चयनित रचनाएं @shikhasaxena191 हर सुबह वहीं से नही आती जिस मोड़ से कल गई थी रात को काफी वक्त मिलता है, रास्ते बदलने के लिए @JoyBanny19 कहाँ दफ़नाता तिरी ग़लतियों को मेरे मसीहा, हर मोड़ पे पत्थर लिए ख़ुदा मिला। @RawatWrites न जाने […]
Best Of Swalekh : April 21
स्वलेख : April 16, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल विषय : मोड़ चयनित रचनाएं @shikhasaxena191 हर सुबह वहीं से नही आती जिस मोड़ से कल गई थी रात को काफी वक्त मिलता है, रास्ते बदलने के लिए @JoyBanny19 कहाँ दफ़नाता तिरी ग़लतियों को मेरे मसीहा, हर मोड़ पे पत्थर लिए ख़ुदा मिला। @RawatWrites न जाने […]
Pratibimb : Anamika Purohit
कुछ काम की फ़िक्र, तो कुछ अपनी छवि की, या, यूँ कहें, कि इमेज की। दोनों का बोझ मयंक पर काफ़ी भारी था। इसलिए यह सृजन की दुनिया में खोए हुए युवा नाटककार कभी-कभार मदिरा-पान कर लिया करते थे। इससे इनके लेखन में फुर्ती, और इनकी छवि में “एक्स फ़ैक्टर” आ जाता था। नहीं-नहीं, पियक्कड़…
दीर्घ कथा संकलन : Feb 2017
परिणाम कहानियाँ लेखक की रचनात्मकता एवं कल्पनाशीलता को प्रतिबिम्बित करती हैं। कहानी मे कथानक की नवीनता अनिवार्य अंग है जिसे शब्द, संवाद एवं लेखन शैली के सुंदर तानेबाने में सँजो कर इस रूप में पाठक के समक्ष प्रस्तुत करना होता है कि उसका पढ़ने का कौतूहल हर वाक्य के साथ बढ़ता चला जाए। यही एक कथा की…
Sohbat : Anamika Purohit
Kahani Suhani : Selected Stories : Second Winner सोहबत लेखिका : अनामिका पुरोहित ——– “बड़े ओल्ड-फ़ैशंड मालूम होते हैं, आप!” “जी? आपने मुझ से कुछ कहा?” “जी हाँ, आप ही हैं न, लेखक चंद्रभान शर्मा, जिनकी नई किताब ‘कहीं, किसी रोज़’ पिछले माह ही लाउंच हुई है?” “जी, बिलकुल! आपने कैसे जाना? मैं तो बुक-लाउंचेस…