भैया और बहना का प्यार देखो..
कहानियों में राखी का त्यौहार देखो..
Tag: Ankita Chauhan
Week 12: Zindagi, inki bhi ..
Dear readers .. We have worked really hard to put these stories on the tab for you. If you like a story, mention a few words of encouragement to the writer and tag us. Spread some love. 🙂 विज्ञापन by Mohammad Rizwan @Rizwan1149 {Appreciated By Guest Editor} अशोक मित्तल, शहर में बन रही एक…
Week 8 : यह गुलसिताँ हमारा
{Note From Guest Editor @kuhu_bole : “Class of 2016, इस बार शानदार कहानियां मिली हैं। कहा था ना हिंदुस्तान में जितने रंग है उतनी कहानियां मिल सकती हैं। शब्दों की सीमा में रहकर बहुत अच्छी कहानियां लिखी गई हैं। इनमें से कोई एक कहानी चुनना बहुत ही मुश्किल लगा।” } एक सड़क By Varun K….
Week 07: A Salute To Army Women
Note From Guest Editor Narpati Chandra Pareek : आज सिरहाने द्वारा मुझे 10 कहानियाँ पढ़ने के लिए दी गई,आग्रह था कि एक दिन में इन्हें पढ़ कर किसी एक को सर्वश्रेष्ठ घोषित करूँ !अधिकांश लघु कहानियाँ उच्च कोटि की प्रतीत हुई ! श्रेष्ठ कहानी के चयन के लिए मैंने कहानी-समालोचना की परंपरागत कसौटी को अपनाने…
ये शाम और ये दूरी By Ankita & Shikha
जोड़ी नंबर 2 : Ankita Chauhan & Shikha Saxena कहानी : ये शाम और ये दूरी “इतना नाराज़ हो…?” क्रुति ने मासुमियत से पलकें झपकाते हुए पूछा। “तुम्हें फर्क पड़ता है..?” अक्षर ने भौंहे चढ़ाते हुए सवाल पर सवाल रख लिया। “पड़ता है ना… देखो इतना पड़ता है …उम्म नहीं इससे थोड़ा ज्यादा” क्रुति ने…
Week 6 : बड़ा दिन, छोटा सांता
A Special Message From Gayatri, Our Guest Editor of the Week (@gayatriim) विवेक की संजीता तस्वीर खुद में एक कहानी कहती है – एक रेल का डब्बा या यूं कहिए भारतीय समाज के मध्यवर्गीय नागरिकों की लाइफलाईन स्लीपर क्लास का डब्बा और लोहे की सलाखों वाली खिड़की से बाहर झांकती नन्हे सांता की मासूम आंखें,…
Week 5: The Girl & The Meter of Life
लुक्का छुप्पी By Harleen Vij @VeiledDesires_ कई दिनों से वह ये खेल खेल रही थी। हर दोपहर, चुप के से, किसी किनारे जाकर बैठ जाती। आगे पीछे देखती, कई बार देखती, फिर धीमे से अपना दायाँ हाथ आगे करती और रोटी की एक बुरकी फटाफट मुँह में डाल लेती। आज भी उसे यह खेल खेलना…
Week 4: Kaagaz
कागज़ का रिश्ता By Ajay Purohit @Ajaythetwit “माँ, नाव कहाँ चली जाती है” “बिट्टो रानी, कागज़ की है, डूब जाती होगी” “रानी साहिबा, कोई पगला है, कई सालों से इन कागज़ी नावों को पकड़, जमा करता था । कहता था, बिटिया की हैं । बेचारे की बेटी बाढ़ में बह गयी थी” “पिछले महीने…
Week 3: Sugar Free
लड्डू by Siddhant @Siddhant01 – अरे! आपने अब तक दवाई नहीं ली? जन्मदिन के दिन भी उदास हो, आज तो हँस दीजिये। – कैसे हँसू , तुम ही कहो? ना मिठाई, ना केक और ना तुमने मुझे मुन्नी की टॉफी खाने दी। – आप समझते क्यूँ नहीं? ये मीठा आपके लिए ठीक नहीं। – अच्छा…
Week 2: Children’s Day
बनेगा ना? by Jaikishan Tulswani @_iamjk {Aaj Sirhaane Signature Stamp For A Story Filled With Positiveness} कुछ रिश्तों में हिम्मत…साहस…सहनशीलता हालात पैदा कर देते हैं… मेरा और उसका रिश्ता भी कुछ ऐसे ही बना था.. हम अपनी ज़िन्दगी में एक जैसे हालातों से टकराते होते हुए एक मोड़ पर आकर मिले गए थे… उसमें मुझे…
Week I : संयोग
Ruchi Rana @rushuvi डूबता हुआ सूरज, गंगा का तट, दुप्पट्टे का एक भीगा कोना, बरगद की वो झुकी डाल… ख्वाहिशों का एक धागा बाँधा था आस की लौ जला के। एक ख़ामोश ख़याल ..सफ़ों के बीच नज़रबंद सदियों से … बेहद शोर था , भीड़ भी अथाह…ऊपर से रैली के नारों की भयावह गूँज। वो…