Tag: Kush Vaghasiya
Week 13 : The Wisdom Of Our Follies
सेल्समेन By Mohammad Rizwan @Rizwan1149 शोरूम में हमारे प्रवेश करते ही एक १५-१६ साल का लड़का आगे आया। “आईये दीदी किया देखेंगी सूट या साड़ी?” “साड़ी दिखाओ… पार्टी वियर…” थोड़ी ही देर में एक के बाद एक कई साड़ियों का उसने चठ्ठा लगा दिया। “इनमे से आपको कोई पसंद नहीं”? उसने पूंछा काउंटर पैर बैठे…
Week 10 : Ek Shaam Ki Daastaan
Dear Class of 2016 .. you make me proud and how .. All of these stories are sharp .. I loved reading them.. I loved losing myself in mini worlds weaved in just 101 words. Mithelesh has been very kind. As a special treat for all of you, there is detailed feedback for all stories…
Week 8 : यह गुलसिताँ हमारा
{Note From Guest Editor @kuhu_bole : “Class of 2016, इस बार शानदार कहानियां मिली हैं। कहा था ना हिंदुस्तान में जितने रंग है उतनी कहानियां मिल सकती हैं। शब्दों की सीमा में रहकर बहुत अच्छी कहानियां लिखी गई हैं। इनमें से कोई एक कहानी चुनना बहुत ही मुश्किल लगा।” } एक सड़क By Varun K….
Week 07: A Salute To Army Women
Note From Guest Editor Narpati Chandra Pareek : आज सिरहाने द्वारा मुझे 10 कहानियाँ पढ़ने के लिए दी गई,आग्रह था कि एक दिन में इन्हें पढ़ कर किसी एक को सर्वश्रेष्ठ घोषित करूँ !अधिकांश लघु कहानियाँ उच्च कोटि की प्रतीत हुई ! श्रेष्ठ कहानी के चयन के लिए मैंने कहानी-समालोचना की परंपरागत कसौटी को अपनाने…
‘ऐ पिंक डेट’ By Siddhant & Kush
जोड़ी नंबर 4 : Siddhant & Kush कहानी : पिंक डेट “सिर्फ गुलाब लेने हो तो कुछ कम करोगे?” “साहब ये गुलाब के ही पैसे है, कांटे तो कॉंप्लिमेंट्री है !!” बेचारा गुलाब भी समझ गया की बन्दा गुजराती है | जिग्नेश पटेल उर्फ जिग्गु जी के कपड़ो से ये समझना मुश्किल था की वो…
Week 5: The Girl & The Meter of Life
लुक्का छुप्पी By Harleen Vij @VeiledDesires_ कई दिनों से वह ये खेल खेल रही थी। हर दोपहर, चुप के से, किसी किनारे जाकर बैठ जाती। आगे पीछे देखती, कई बार देखती, फिर धीमे से अपना दायाँ हाथ आगे करती और रोटी की एक बुरकी फटाफट मुँह में डाल लेती। आज भी उसे यह खेल खेलना…
Week 3: Sugar Free
लड्डू by Siddhant @Siddhant01 – अरे! आपने अब तक दवाई नहीं ली? जन्मदिन के दिन भी उदास हो, आज तो हँस दीजिये। – कैसे हँसू , तुम ही कहो? ना मिठाई, ना केक और ना तुमने मुझे मुन्नी की टॉफी खाने दी। – आप समझते क्यूँ नहीं? ये मीठा आपके लिए ठीक नहीं। – अच्छा…
Week 2: Children’s Day
बनेगा ना? by Jaikishan Tulswani @_iamjk {Aaj Sirhaane Signature Stamp For A Story Filled With Positiveness} कुछ रिश्तों में हिम्मत…साहस…सहनशीलता हालात पैदा कर देते हैं… मेरा और उसका रिश्ता भी कुछ ऐसे ही बना था.. हम अपनी ज़िन्दगी में एक जैसे हालातों से टकराते होते हुए एक मोड़ पर आकर मिले गए थे… उसमें मुझे…
Week I : संयोग
Ruchi Rana @rushuvi डूबता हुआ सूरज, गंगा का तट, दुप्पट्टे का एक भीगा कोना, बरगद की वो झुकी डाल… ख्वाहिशों का एक धागा बाँधा था आस की लौ जला के। एक ख़ामोश ख़याल ..सफ़ों के बीच नज़रबंद सदियों से … बेहद शोर था , भीड़ भी अथाह…ऊपर से रैली के नारों की भयावह गूँज। वो…