Hey Anu, thanks for the follow. I am no budding writer but a late bloomer and am a great admirer of yours and envy your flair over language be it Hindii or English. Will be a frequent guest to your blog. Have wonderful time each and every day of the year.❤️
Na jane me abhi yeha kya aur kyun likh raha hu… is Sunday night ko kuch bhavnaye man me aa rahi hain aur unhe hi vyakt karna chahta hu…it might be totally irrelevant for some who read it here…
Is note k khyal ki shuruaat tab hui jab dimag aaj se 6 7 saal peeche gaya when I entered world of twitter and through a forum #Shair, aapa (@iamrana) opened a new world for us..which introduced me to some of finest souls in my life including skb, inder bhai, gaurav, vivek, atulji etc..whose friendship I treasure..a lott..
Widout these group I wud not hv been active on Twitter…
Skb, one of kindest n sweetest person I have ever come across, again took such forum to a different level a new platform which is known as “Aaj Sirhane”… As I tell her sometime that I never believed it could expand to such level as it is now..with her passionate effort she created this whole world, a new family which is beyond writing… I value friendship a lott in my life and through Aaj Sirhane also I met and made friends with some amazing souls like ritu, preet, vishal, shikha, jagruti, ashi , aruna aunty, shishir ji etc…
Thanks a lot skb for this. .
Tumne jaise un logo me jaan daal di ho jo apni pratibha ka pradarshan karne k liye tadap rahe the..u may well not realize also what kind of Chang u have brought into these talented writers…
More power to u…
….
Rahul (chilled_yogi) 🙂
Oye Rahul, paani chala jaayega ! A letter like this is like a chicken soup for my bones.. It doesn’t just make me feel warm and satiated but it also uplifts my mood and fills me mind with new horizons to reach to .. I am so proud of my ASMandali.. do you know how far we have come as a group of writers.. I see such incredible talent around .. The writing level has become better. our thoughts are more streamlined.. I also think the honest feedback from the guest editors have shaped the writer’s group in such a commendable way ..
You, and Vivek have been so kind in giving visual and artistic inspiration to the writers..
Inder has been so instrumental in filtering my thoughts.. He has helped me maintain the quality of this forum ..
Rana Aapa is my soul guide and she helped me channelize my thoughts and words and I am just paying it forward.
And last of all.. the writers.. This platform would not have this light had it not been for the writers with such an utter passion for learning and that undying need for expression.. Thanks to you .. Aaj Sirhaane has extended itself even further than me and has a soul of its own..
दिल को छू गई आपकी बात…मैं भी एक जुड़ाव सा महसूस करने लगी हूँ यहाँ पर, और यकीनन आज सिरहाने की डोर ने हम सबको बाँध रखा है जैसे एक क्लास में सब बच्चे आपस में बँधे रहते हैं बस ये क्लास हमेशा यूँ ही चलती रहे..मुझे तो कई बार आश्चर्य होता है कि कैसे वो मैनेज करती हैं ये सब , डाँट के, दुलार के, हर तरीके से हम सबको सिखाने की कोशिश करती रहती हैं ( कई बार क्लास वर्क भी कठिन दे देती हैं 😆) इसलिए जब उन्होने अभी आज सिरहाने को आगे और चलाने के लिए पूछा तो सबका जवाब “हाँ” में ही था , बिना इसके ट्विटर कितना सूना हो जाएगा ना ..मैं भी शुक्रिया कहना चाहती हूँ ट्विटर और आज सिरहाने को कि मुझे इतने दोस्त मिले..हाँलकि कई ऐसे भी हैं जिनको मैं फाॅलो नही करती फिर भी “आज सिरहाने” की क्लास से तो जुड़े हैं ।
😊😊
हम सबकी प्यारी अनु,
राहुल जी से सहमत हूँ। यह एक ऎसा मंच है जिसने हम सबको बहुत कुछ सिखाया है।कितने ही विचारों कितनी ही भावनाओं को शब्द मिल गये। प्रीत, अर्चना जी, फैज़ल जी जैसे मधुर मित्र मिले। अरूणा जी की मुस्कान मिली, शिखा, उज्ज्वल, विशाल सभी का साथ मिला। आबिद सर एवं शिशिर जी का प्रोत्साहन मिला। इंदर जी कापरिचय देने का अनोखा अंदाज। और साईं की बिटिया का सबको एक करने का अकथनीय प्रयास। साधुवाद सभी को।
प्यारी अनु ,सबको पढ़ने के बाद लग रहा है सबने तो मेरे दिल की बात ही कर दी..फिर भी बस इतना कहना चाहूँगी कि इस मंच के जरिये हमने सिर्फ पाया ही पाया है..दोस्त प्यार ,रिश्ते और सबके परे अपने आप को..अपने भीतर छुपी असल उज्ज्वल को पाया है मैने..शादी के बाद मेरी कलम गुम हो ग ई थी..वो खोज कर मेरे हाथ मे फिर से थमा दी.मै तहे दिल से शुक्रगुज़ार रहूंगी तुम्हारी..और कभी भी आप सब दोस्तों से दूर नहीं होना चाहूँगी..सांस रहने तक..लव यू ऑल😍😘😘
सर्वप्रथम, राहुल का धन्यवाद, यह मन की बात कह कर उन्होंने हम सब के वो ज़ज़्बात सामने रख दिए जो शायद हम सभी एक दूसरे से कह नहीं पाए। मैंने भी इस आजसिरहाने परिवार में अनमोल रिश्ते पाए हैं, सबसे बढ़ कर स्वयं को तलाशा है।
दिन निकलता है, ब्रिजेंद्र जी के आशीश से, अरूणा जी की मुस्कान से रंग जाती है सुबह, कोशिश जी के अल्फाज़ प्रकृित की सुंदर कलाकृति जैसे है, तो शिशिर जी की कविताएं प्रेम रस में भिगोती हैं, उज्जवल बेबाकी से प्रेम का इज़हार करती हैं, तो जीवन का हर पहलू दिखाते हैं अरूण जी अपने ही अंदाज़ में, अर्चना जी दिल छू लेती हैं हर बार, और सुप्रिया जी कमाल के नज़ारे दिखा जाती हैं, राहुल जी की कविता में उबाल है, और जोगी जी प्यार में बेहाल है, पर दोनों ही कमाल हैं, अमित की चुलबुलेपन ने कब मुझे उसे डांट डपट करने का हक दे दिया, पता ही नहीं चला। विशाल जी के गीतों की दुनिया उनकी लेखनी जितनी खूबसूरत है, शिखा की शाम रोज़ नए पहनावे में आती है, ऋृतु कितनी सहजता से मन की बात कह जाती हैं, अंशु मेरी सखी कितना प्यारा लिखती है, दामिनी जी अनूठापन लाती हैं, इंदर जी को पढ़ने में मज़ा आता है और थोड़ा उनसे लड़ने में, राहुलजी मज़ेदार दृश्य दिखाते हैं, अजिताभ के साथ कविता में की बातें हैं, अजय जी सदा ही अनोखा ल्ख जाते हैं, जागृति करती उम्र से बड़ी बातें हैं,अनु, आप भी कमाल हो, कैसे संभाले हो इन सब को, लिखती हैं तो भी वाह, डांटती हैं तो भी वाह।
बस ये मेरे मन की बात, और बहुत से मित्र हैं सबसे मेरा नमन….
( अरे, अपने बारे में तो कहा ही नहीं, मैं प्रीत हूँ, सबके दिल में थोड़ा थोड़ा रहती हूँ )
सर्वप्रथम, राहुल का धन्यवाद, यह मन की बात कह कर उन्होंने हम सब के वो ज़ज़्बात सामने रख दिए जो शायद हम सभी एक दूसरे से कह नहीं पाए। मैंने भी इस आजसिरहाने परिवार में अनमोल रिश्ते पाए हैं, सबसे बढ़ कर स्वयं को तलाशा है।
दिन निकलता है, ब्रिजेंद्र जी के आशीश से, अरूणा जी की मुस्कान से रंग जाती है सुबह, कोशिश जी के अल्फाज़ प्रकृित की सुंदर कलाकृति जैसे है, तो शिशिर जी की कविताएं प्रेम रस में भिगोती हैं, उज्जवल बेबाकी से प्रेम का इज़हार करती हैं, तो जीवन का हर पहलू दिखाते हैं अरूण जी अपने ही अंदाज़ में, अर्चना जी दिल छू लेती हैं हर बार, और सुप्रिया जी कमाल के नज़ारे दिखा जाती हैं, राहुल जी की कविता में उबाल है, और जोगी जी प्यार में बेहाल है, पर दोनों ही कमाल हैं, अमित की चुलबुलेपन ने कब मुझे उसे डांट डपट करने का हक दे दिया, पता ही नहीं चला। विशाल जी के गीतों की दुनिया उनकी लेखनी जितनी खूबसूरत है, शिखा की शाम रोज़ नए पहनावे में आती है, ऋृतु कितनी सहजता से मन की बात कह जाती हैं, अंशु मेरी सखी कितना प्यारा लिखती है, दामिनी जी अनूठापन लाती हैं, इंदर जी को पढ़ने में मज़ा आता है और थोड़ा उनसे लड़ने में, राहुलजी मज़ेदार दृश्य दिखाते हैं, अजिताभ के साथ कविता में की बातें हैं, अजय जी सदा ही अनोखा ल्ख जाते हैं, जागृति करती उम्र से बड़ी बातें हैं,अनु, आप भी कमाल हो, कैसे संभाले हो इन सब को, लिखती हैं तो भी वाह, डांटती हैं तो भी वाह।
बस ये मेरे मन की बात, और बहुत से मित्र हैं सबसे मेरा नमन….
( अरे, अपने बारे में तो कहा ही नहीं, मैं प्रीत हूँ, सबके दिल में थोड़ा थोड़ा रहती हूँ )
सर्वप्रथम, राहुल का धन्यवाद, यह मन की बात कह कर उन्होंने हम सब के वो ज़ज़्बात सामने रख दिए जो शायद हम सभी एक दूसरे से कह नहीं पाए। मैंने भी इस आजसिरहाने परिवार में अनमोल रिश्ते पाए हैं, सबसे बढ़ कर स्वयं को तलाशा है।
दिन निकलता है, ब्रिजेंद्र जी के आशीश से, अरूणा जी की मुस्कान से रंग जाती है सुबह, कोशिश जी के अल्फाज़ प्रकृित की सुंदर कलाकृति जैसे है, तो शिशिर जी की कविताएं प्रेम रस में भिगोती हैं, उज्जवल बेबाकी से प्रेम का इज़हार करती हैं, तो जीवन का हर पहलू दिखाते हैं अरूण जी अपने ही अंदाज़ में, अर्चना जी दिल छू लेती हैं हर बार, और सुप्रिया जी कमाल के नज़ारे दिखा जाती हैं, राहुल जी की कविता में उबाल है, और जोगी जी प्यार में बेहाल है, पर दोनों ही कमाल हैं, अमित की चुलबुलेपन ने कब मुझे उसे डांट डपट करने का हक दे दिया, पता ही नहीं चला। विशाल जी के गीतों की दुनिया उनकी लेखनी जितनी खूबसूरत है, शिखा की शाम रोज़ नए पहनावे में आती है, ऋृतु कितनी सहजता से मन की बात कह जाती हैं, अंशु मेरी सखी कितना प्यारा लिखती है, दामिनी जी अनूठापन लाती हैं, इंदर जी को पढ़ने में मज़ा आता है और थोड़ा उनसे लड़ने में, राहुलजी मज़ेदार दृश्य दिखाते हैं, अजिताभ के साथ कविता में की बातें हैं, अजय जी सदा ही अनोखा ल्ख जाते हैं, जागृति करती उम्र से बड़ी बातें हैं,अनु, आप भी कमाल हो, कैसे संभाले हो इन सब को, लिखती हैं तो भी वाह, डांटती हैं तो भी वाह।
बस ये मेरे मन की बात, और बहुत से मित्र हैं सबसे मेरा नमन….
( अरे, अपने बारे में तो कहा ही नहीं, मैं प्रीत हूँ, सबके दिल में थोड़ा थोड़ा रहती हूँ )
Heartfelt echos to all the views expressed for Aaj Sirhaane and sincere gratitude to SKB for her drive and dedication for this endeavor. Admiration for her magnanimous handling of the medium that provides a forum for all of us to participate and prosper and not simply compete and conquer. Be it poetry, prose or any other genre of creative pursuit, finding an audience is the hardest part sometimes. Thanks to Aaj Sirhaane for facilitating the path of expression, for bridging the gap between the artist and audience.
जब सब इतना प्यार जता रहे जो दिल से आ रहा तो मैं दिल से कहना चाहता कि आज सिरहाने परिवार दिल में बस चुका है ।
अनुराधा जी को ये कहते हुए बड़ा अच्छा लगता की अरुणा mam loves me more पर हम सब जानते mam loves us all .
Inder aur ajeetabh भैया तो जैसे हमेशा साथ होते ।
शिशिर भैया का हिंदी जितना जटिल होता वो इंसान उतने ही सरल है ।
जागृति तो सोचने पे मजबूर कर देती कि कोई अपनी उम्र से कितना बढ़ कर सोचता ।
nir और प्रीत दी बिलकुल बेटे की तरह ख़याल रखती ।
राहुल और वरुण भाई i love you .
गुलमोहर जी के tweets पढ़ तो हमेशा खिल उठता ।
मेरे लिये शाम का पर्यायवाची शिखा जी है ।
कोशिश जी आपको पता सब कोशिश करते की काश आपकी तरह लिख पायें ।
अर्चना जी को पढ़ कर बहुत कुछ सिखने को मिलता ।
हर कोई जो इस परिवार से जुड़ा है सब लोग दिल में बस गये है ।
हेलो अनु जी , आपकी इस ‘लव ट्रेन ‘ मे कब चढ़ गया पता ही नही चला । मैं तो platform पर भी नही था कि अचानक उज्ज्वल ने धक्का दिया और मैं चलती गाड़ी मे चढ़ लिया ☺ मुझे लगता है कि मै अभी भी खिड़की पर लटका हुआ हुं चाह कर भी ना छूटता ना छोड़ता ।बाहर ठंडी बयार है तो अदंर से आपकी मण्डली की मधुर धुनो का आता संगीत है , मैं देखता हुं कि अलग- अलग दिशाओं के यात्री ट्रेन मे चढ़ते जा रहे हैं और सफर मे साझा कर रहे है । कितनी सुंदर बात है कि यात्रीयों को गंतव्य स्थान जाने की फिक्र नही वे तो बस इस सफर का आनंद ले रहे है । दूसरे शब्दों मे कहूंगा कि वे जीने के नये ढंग मे रम रहे है सहजता और मासूमियत के साथ ।
आपका धन्यवाद कि आपने हम जैसे लोगों से ATTEMPT करवा लिया । आपने बड़ी कुशलता के साथ तकनीकी का बाखूबी इस्तेमाल करते हुए दोस्तों से मन की बात कहलवायी , वो भी काव्यात्मक लहजे मे । किसी प्रतिष्ठित कवि को भी अपनी रचना पर इतनी जल्दी प्रतिक्रिया नही मिलती जितनी यहां मिल जाती है।
इससे कोई फर्क नही पड़ता कि औसत है या अच्छा , लिख पाना बड़ी बात है….एक नेक कार्य है ।
आपके Advisory Committee और Guest Editor को धन्यवाद के साथ बहुत शुभकामनायें ।
साथ ही आपकी पूरी मण्डली को भी बहुत धन्यवाद ,आशा करता हुं उनकी जिजीविषा बनी रहे , मस्त और खिलखिलाते यात्रियों की तरह आनंद ले और ‘आज सिरहाने’ के इस अनंत सफर के साक्षी बने।इसी दुआ के साथ।
( हो सकता है कि कभी किसी दिन किसी खास झटके से मेरा हाथ छूट जाए और मैं किसी जंगल मे जा गिरूं वहां भी आप लोगों की दिखाई रोशनी से survive तो कर ही लूंगा)
आजसिरहाने की बात हो और मैं फुर्सतनामा को भूल गई ??? ये बहुत गलत हुआ मुझसे।। फुर्सतनामा की आवाज जितनी भी बार सुनी जाए नई लगती है। उनको सुनकर ‘कहना’ सीख रही हूँ। धन्यवाद इतनी मखमली, मधुर आवाज से परिचय करवाने के लिए
अनुराधा जी !
‘आज सिरहाने’ मुझे आकर्षित करता है.गो कि मैं
AS Mandli का पंजीकृत सदस्य नहीं हूँ पर जिस तरीके से आप और आपके योग्य सदस्यों के बीच partcipate करता हूँ, मैं स्वमेव खुद को इसका हिस्सा मान बैठता हूँ. ‘आज सिरहाने’ मण्डली से जितने भी लोग जुड़े हुए हैं, उनका प्रशंसक मैं पहले से से ही हूँ और मेरा सौभाग्य है कि इनमे से अधिकांश आज मेरे दोस्त हैं.. सभी एक से बढ़ कर एक. अपनी रचनाओं पे..बरबस तालियां बजवा लेते हैं, मुंह से ‘वाह’ खींच लेते हैं और मैं खुद को रोक नहीं पाता.
अनुराधा जी ! जिस तरह से नए पुराने सभी लोगों को एक सूत्र में पिरोया है आपने वो काबिल-ए-तारीफ है.
आपकी ‘शाबासियां’ पाकर सब और निखर उठे हैं.
अपनी अन्य वयस्तताओं में से आज सिरहाने के लिये वक़्त निकालना भी मामूली बात नहीं.
मेरी प्रशंसा और शुभकामनाएं स्वीकार करें !
पुनश्च : कल मैंने फॉर्म भरा है, स्वीकार हुआ है या नहीं.. अज्ञात है.
बस में था। लखनऊ से जयपुर के रास्ते, यूँ ही कुछ मन में कुछ भरभरा सा था। ट्विटर खोला, ना जाने कैसे इस मंडली से टकरा बैठा।इस से पहले मैं कुछ समझ पाता, देर हो चुकी थी। मेरा अपहरण हो चुका था। सम्मोहित सा मैं इस मंडली का शिकार बन चुका था ।
तब से आज तक मैं इसके कब्ज़े में हूँ। स्वेच्छा से। अब तो बिना शर्त रिहाई भी नही मंज़ूर।
आज फक्र है कि मैं भी इस गैंग का सक्रिय सदस्य हूँ।
सच पूंछे तो ये गैंग डेंगू, चिकनगुनिया, से भी तेज़ी से निर्बाध रूप से अपने पाँव पसार चुका है। और इसके रोकथाम के सारे उपाय टॉय-टांय फुस्स हो चुके हैं।
इस गैंग की सबसे बड़ी ख़ूबी हम किसी को नही जानते पर सबको जानते है। किसी से नही मिले, पर सबसे रोज़ मिलते है। कोई समोसे खिलाता है तो कोई चीस सैंडविच। रोज़ यूँ ही मोटापा बढ़ता जा रहा है। समझ नहीं आता मित्र हैं….।
और इस गैंग की सरदारांन का तो क्या कहना! खोद खोद के काम करवाती है। थोडा 19/ 20 हो जाये तो ऐसी डांट कि छठी क्या सांतवी आठवी, नवी दसवीं का दूध याद दिलवा दे । शब्दों से ऐसे कूटती है कि बचपन मे माँ की थपकी से की गयी धुलाई याद आ जाती है।
आपके साथ भी हुआ है क्या? नही हुआ तो अहो भाग्य आपके। अंत में आप सभी भाईयों और बहनों से यही कहूँगा कि हम सभी खुशनसीब है जो ये खुशनुमा परिवार मिला है । इस गैंग की tag line-
“Beware we are dangerous…. its contagious” होनी चाहिए।
क्यों है ना
मेरे लेखन की एक बहोत बड़ी कमी रही है, मै सोच के नही लिख पाता था जो सामने दिखता या महसूस करता वही लिख पाता था। कल्पना से परे थी मेरी कलम और मेरी शब्दावली भी सीमित थी।
पहली बार राहुलशब्द भाई के टीएल पे देखा था स्वलेख पंक्षी या परिन्दा के लिए था, मै भी पुराना लिंक दे बैठा और वहीं से मेरा #आजसिरहाने का सफ़र शुरू हुआ। पहली बार हुआ कि तस्वीर दिखी तो कुछ सोच के लिखा, कोई शब्द मिला तो सोचा कि … तृष्णा क्या होती है, किस किस चीज की होती है,
तस्वीरें प्रतिबिंब के अलावा और क्या होती हैं,
ग़ज़ल क्या है यहीं सीखा।
मासूम सर, कोशिश सर, रक्षा मैम, अर्चना मैम, में अच्छे शिक्षक मिले तो पूरा #ASमंडली मित्र बना,, वो रात कभी नही भूल सकता जब मेरे लिए हैसटैग चुना जा रहा था रात के २ बजे तक और ये सिलसिला दो दिन चला।
पाकीज़ा मैम और इंदर सर की बातें पढकर स्कूल का टाईम याद आता है, प्रीत मैम जैसी सरल और खुश मिज़ाज शख्सियत से मिला, प्रीत मैम थैंक्स बहोत बार आप अन्जाने मे ही सही मगर मूड हल्का कर देती हैं 🙏
अनु मैम से परिचय नही है लेकिन दिल में उनके लिए बेइंतिहा इज्ज़त है। वो न होती तो जोगी इश्क़, तड़प और मोहब्बत के आगे शायद कभी न सोचता।
छोटा था तो स्कूल का टाईम टेबल इतनी ईमानदारी से फॉलो नही किया था जितनी शिद्दत से #As के शिड्यूल का इंतज़ार रहता है
टाईम कम रहता है इसलिए बहोत से सेग्मेंटस का हिस्सा नही हूँ, लेकिन पढ़ता सबको हूँ, अनु मैम के ब्लॉग का फैन हूँ, पाकीज़ा मैम शायरी क्या कहने
अजय पुरोहित सर का परिपक्व लेखन
अजिताभ सर की कविताएं
प्रीत मैम की कविता, शाईरी बेहद पसंद है
बहोत कुछ कहना है लेकिन … बाद के लिए भी कुछ बचा लूँ।
अब विराम लेता हूँ। धन्यवाद् आज सिरहाने मेरा अनोखा परिवार 🙏 💐
Ruko ruko…mere paas b ticket hai iss train ka…
Let me in..:D
#आजसिरहाने..रोज सिरहाने होता हैं..
I’ve met many people in life but you guys are special, not only because you are #ASMembers but because you all are a rare specie.
You’ve brought unimaginable warmth and joy to life. I think we were destined to be family and i am grateful to #AS that has brought us together.
May you all Smile more often and brighten this world.
Wish you all the happiness in the world.
A special thanks to Anu mam for creating AajSirhaane. You are an angel who has diminished all the darkness from my life. #AajSirhane has happened to be the best thing of this year.
P.S.
I have been the most inconsistent member of this family. I am glad, i’ve not been externed for “taking more and giving less” to the family.
एक लिफ़ाफ़ा मेरा भी ….
….एहसास का झोंका …कदम कदम कर …कब चाँद बन गया पता ही नहीं चला ….बेसब्र सुबह अब बाद में मिलती है … निगाह उससे पहले ही रात भर की ख्वाबी चाशनी लिए #आजसिरहाने के पन्ने पलटने लग जाती है …
…बेहतरीन नायाब किरदारों की ख़ुशबू से बसा ये नुक्कड़ ….जब कोरे कोरे ख्यालो की धुन से बारिश उड़ाता हैं …..तो आसमां नीला नीला हो जाता है ……रूही सकूँ की तरह…
……सियाही, आवाज़ के तरीके तो खूब हैं ही ……तालियों की साँस ज्यादा बेहतर खनकती है
कुछ लफ्ज़ गुम
हो गए थे
अभिव्यक्ति खामोश हो गई थी,
आपके द्वारा दिए गये प्रोत्साहन और मंच की वजह से
दबी हुई अभिवयक्ति मुखर हो रही है निखर रही है !!
आवाज ,अल्फ़ाज़,तस्वीर आजसिरहने से कोई पेहलू नहीं छूटा
कलम के जादूगर अपने नायाब करिश्मे दिखाते है !
#आजसिरहाने
यूँ ही भटकते हुए तेरे दर पे आ गया हूँ मैं
लगता है जैसे अपनी मंजिल पा गया हूँ मैं
माना कि महफिल में अभी अजनबी हूँ मैं
पारखी निगाहों में लगता है आ गया हूँ मैं
अपनी तलाश में खुद निकला हुआ था मैं
तुमको पा के जैसे खुद को पा गया हूँ मैं
पहली वर्षगांठ की आपको और हम सभी को बहुत बधाई। ये एक साल मेरे जीवन का बेहतरीन साल रहा। कामना करती हूँ कि ऐसे अनेकों साल मैं आपके सानिध्य में व्यतीत करूँ। और सारा जीवन ऐसे ही खुशनुमा रहे।
रक बार फिर से बहुत बधाई।
आजसिरहाने आजाना, जिंदगी मेरे घर आ जाना
अनु जैसा कर्णधार है, कभी डांट, कभी दुलार है
प्रीत, इंदर की मीठी तकरार है
शिशिर जैसा सारथी है, जो हिंदी के महारथी हैं
सुप्रिया की शरारत है, रितु की मुस्कान है
राहुल की बोलती हुई तस्वीरें हैं
प्रीत के प्यार की जंजीरें हैं
अंशु कहानी कहने में माहिर हैं
विशु का भोलापन जग जाहिर है
जग्गू की नटखट शरारतें हैं
कोशिश की गज़ल में महारतें हैं
मुसाफिर बहुत दूर के हैं
मगर लिखते बड़े शऊर से हैं
अरुण जी की बात निराली
‘हम_तुम’ बिन सब कुछ है खाली
अरूणा जी की मुस्कान है प्यारी
कहती है मैं जीती, दुनिया हारी
नितिन, नवनीत और अजिताभ
मंडली के हैं हीरे नायाब
उज्ज्वल से मतलब है भोर का
शिखा हैं तो शाम सुहानी
हेताक्षी इक परी सयानी
और बहुत कुछ है कहना सुनना
सबको मिलकर आगे है बढ़ना
बस यही दुआ अब दिल से आए
आजसिरहाने तू मिल जाए
ईश्वर से प्रार्थना है कि यह मंच आगे आने वाले दिनों में सभी के सिरहाने हो। नये कदमों के साथ नयी ऊँचाइयाँ छुए। और शिखर परमातृभाषा का ध्वज फहराए। आपके सार्थक प्रयास के लिए शुभकामनाएं अनु।
स्नेह
निर्
Visited the web page on the computer after a long gap and am delighted to see the massive leap AS has taken within a short span. It feels great. Kudos…!
Can I write story in English too?
Hey Anu, thanks for the follow. I am no budding writer but a late bloomer and am a great admirer of yours and envy your flair over language be it Hindii or English. Will be a frequent guest to your blog. Have wonderful time each and every day of the year.❤️
Hi Kreng!
Thanks. This is a blog where we feature many new artists .. My personal blog is radiant-raindrops.blogspot.com if you’d like to read.
Bahut accha prayas hai sikne walo ke liye💐
Na jane me abhi yeha kya aur kyun likh raha hu… is Sunday night ko kuch bhavnaye man me aa rahi hain aur unhe hi vyakt karna chahta hu…it might be totally irrelevant for some who read it here…
Is note k khyal ki shuruaat tab hui jab dimag aaj se 6 7 saal peeche gaya when I entered world of twitter and through a forum #Shair, aapa (@iamrana) opened a new world for us..which introduced me to some of finest souls in my life including skb, inder bhai, gaurav, vivek, atulji etc..whose friendship I treasure..a lott..
Widout these group I wud not hv been active on Twitter…
Skb, one of kindest n sweetest person I have ever come across, again took such forum to a different level a new platform which is known as “Aaj Sirhane”… As I tell her sometime that I never believed it could expand to such level as it is now..with her passionate effort she created this whole world, a new family which is beyond writing… I value friendship a lott in my life and through Aaj Sirhane also I met and made friends with some amazing souls like ritu, preet, vishal, shikha, jagruti, ashi , aruna aunty, shishir ji etc…
Thanks a lot skb for this. .
Tumne jaise un logo me jaan daal di ho jo apni pratibha ka pradarshan karne k liye tadap rahe the..u may well not realize also what kind of Chang u have brought into these talented writers…
More power to u…
….
Rahul (chilled_yogi) 🙂
I wrote gaurav instead of varun… Sorry gabru… 😊
Oye Rahul, paani chala jaayega ! A letter like this is like a chicken soup for my bones.. It doesn’t just make me feel warm and satiated but it also uplifts my mood and fills me mind with new horizons to reach to .. I am so proud of my ASMandali.. do you know how far we have come as a group of writers.. I see such incredible talent around .. The writing level has become better. our thoughts are more streamlined.. I also think the honest feedback from the guest editors have shaped the writer’s group in such a commendable way ..
You, and Vivek have been so kind in giving visual and artistic inspiration to the writers..
Inder has been so instrumental in filtering my thoughts.. He has helped me maintain the quality of this forum ..
Rana Aapa is my soul guide and she helped me channelize my thoughts and words and I am just paying it forward.
And last of all.. the writers.. This platform would not have this light had it not been for the writers with such an utter passion for learning and that undying need for expression.. Thanks to you .. Aaj Sirhaane has extended itself even further than me and has a soul of its own..
Thank you Rahul for such a lovely write up and kind words for me. It is s pleasure meeting you here.
दिल को छू गई आपकी बात…मैं भी एक जुड़ाव सा महसूस करने लगी हूँ यहाँ पर, और यकीनन आज सिरहाने की डोर ने हम सबको बाँध रखा है जैसे एक क्लास में सब बच्चे आपस में बँधे रहते हैं बस ये क्लास हमेशा यूँ ही चलती रहे..मुझे तो कई बार आश्चर्य होता है कि कैसे वो मैनेज करती हैं ये सब , डाँट के, दुलार के, हर तरीके से हम सबको सिखाने की कोशिश करती रहती हैं ( कई बार क्लास वर्क भी कठिन दे देती हैं 😆) इसलिए जब उन्होने अभी आज सिरहाने को आगे और चलाने के लिए पूछा तो सबका जवाब “हाँ” में ही था , बिना इसके ट्विटर कितना सूना हो जाएगा ना ..मैं भी शुक्रिया कहना चाहती हूँ ट्विटर और आज सिरहाने को कि मुझे इतने दोस्त मिले..हाँलकि कई ऐसे भी हैं जिनको मैं फाॅलो नही करती फिर भी “आज सिरहाने” की क्लास से तो जुड़े हैं ।
😊😊
सभी अद्भुत, मनमोहक पत्रों को पढ़कर बड़ा अच्छा लगा ! राहुल जी, शिखा जी, प्रीत जी, निर्मल जी,उज्ज्वल जी और आज सिरहाने… धन्यवाद सभी को।
मैं यहाँ दिल का जुड़ाव महसूस करती हूँ सबसे , सच
हम सबकी प्यारी अनु,
राहुल जी से सहमत हूँ। यह एक ऎसा मंच है जिसने हम सबको बहुत कुछ सिखाया है।कितने ही विचारों कितनी ही भावनाओं को शब्द मिल गये। प्रीत, अर्चना जी, फैज़ल जी जैसे मधुर मित्र मिले। अरूणा जी की मुस्कान मिली, शिखा, उज्ज्वल, विशाल सभी का साथ मिला। आबिद सर एवं शिशिर जी का प्रोत्साहन मिला। इंदर जी कापरिचय देने का अनोखा अंदाज। और साईं की बिटिया का सबको एक करने का अकथनीय प्रयास। साधुवाद सभी को।
Hey Nirmal, a friend like u is an asset, and your talent us divine ! Stay blessed dear!!
प्यारी अनु ,सबको पढ़ने के बाद लग रहा है सबने तो मेरे दिल की बात ही कर दी..फिर भी बस इतना कहना चाहूँगी कि इस मंच के जरिये हमने सिर्फ पाया ही पाया है..दोस्त प्यार ,रिश्ते और सबके परे अपने आप को..अपने भीतर छुपी असल उज्ज्वल को पाया है मैने..शादी के बाद मेरी कलम गुम हो ग ई थी..वो खोज कर मेरे हाथ मे फिर से थमा दी.मै तहे दिल से शुक्रगुज़ार रहूंगी तुम्हारी..और कभी भी आप सब दोस्तों से दूर नहीं होना चाहूँगी..सांस रहने तक..लव यू ऑल😍😘😘
सर्वप्रथम, राहुल का धन्यवाद, यह मन की बात कह कर उन्होंने हम सब के वो ज़ज़्बात सामने रख दिए जो शायद हम सभी एक दूसरे से कह नहीं पाए। मैंने भी इस आजसिरहाने परिवार में अनमोल रिश्ते पाए हैं, सबसे बढ़ कर स्वयं को तलाशा है।
दिन निकलता है, ब्रिजेंद्र जी के आशीश से, अरूणा जी की मुस्कान से रंग जाती है सुबह, कोशिश जी के अल्फाज़ प्रकृित की सुंदर कलाकृति जैसे है, तो शिशिर जी की कविताएं प्रेम रस में भिगोती हैं, उज्जवल बेबाकी से प्रेम का इज़हार करती हैं, तो जीवन का हर पहलू दिखाते हैं अरूण जी अपने ही अंदाज़ में, अर्चना जी दिल छू लेती हैं हर बार, और सुप्रिया जी कमाल के नज़ारे दिखा जाती हैं, राहुल जी की कविता में उबाल है, और जोगी जी प्यार में बेहाल है, पर दोनों ही कमाल हैं, अमित की चुलबुलेपन ने कब मुझे उसे डांट डपट करने का हक दे दिया, पता ही नहीं चला। विशाल जी के गीतों की दुनिया उनकी लेखनी जितनी खूबसूरत है, शिखा की शाम रोज़ नए पहनावे में आती है, ऋृतु कितनी सहजता से मन की बात कह जाती हैं, अंशु मेरी सखी कितना प्यारा लिखती है, दामिनी जी अनूठापन लाती हैं, इंदर जी को पढ़ने में मज़ा आता है और थोड़ा उनसे लड़ने में, राहुलजी मज़ेदार दृश्य दिखाते हैं, अजिताभ के साथ कविता में की बातें हैं, अजय जी सदा ही अनोखा ल्ख जाते हैं, जागृति करती उम्र से बड़ी बातें हैं,अनु, आप भी कमाल हो, कैसे संभाले हो इन सब को, लिखती हैं तो भी वाह, डांटती हैं तो भी वाह।
बस ये मेरे मन की बात, और बहुत से मित्र हैं सबसे मेरा नमन….
( अरे, अपने बारे में तो कहा ही नहीं, मैं प्रीत हूँ, सबके दिल में थोड़ा थोड़ा रहती हूँ )
सर्वप्रथम, राहुल का धन्यवाद, यह मन की बात कह कर उन्होंने हम सब के वो ज़ज़्बात सामने रख दिए जो शायद हम सभी एक दूसरे से कह नहीं पाए। मैंने भी इस आजसिरहाने परिवार में अनमोल रिश्ते पाए हैं, सबसे बढ़ कर स्वयं को तलाशा है।
दिन निकलता है, ब्रिजेंद्र जी के आशीश से, अरूणा जी की मुस्कान से रंग जाती है सुबह, कोशिश जी के अल्फाज़ प्रकृित की सुंदर कलाकृति जैसे है, तो शिशिर जी की कविताएं प्रेम रस में भिगोती हैं, उज्जवल बेबाकी से प्रेम का इज़हार करती हैं, तो जीवन का हर पहलू दिखाते हैं अरूण जी अपने ही अंदाज़ में, अर्चना जी दिल छू लेती हैं हर बार, और सुप्रिया जी कमाल के नज़ारे दिखा जाती हैं, राहुल जी की कविता में उबाल है, और जोगी जी प्यार में बेहाल है, पर दोनों ही कमाल हैं, अमित की चुलबुलेपन ने कब मुझे उसे डांट डपट करने का हक दे दिया, पता ही नहीं चला। विशाल जी के गीतों की दुनिया उनकी लेखनी जितनी खूबसूरत है, शिखा की शाम रोज़ नए पहनावे में आती है, ऋृतु कितनी सहजता से मन की बात कह जाती हैं, अंशु मेरी सखी कितना प्यारा लिखती है, दामिनी जी अनूठापन लाती हैं, इंदर जी को पढ़ने में मज़ा आता है और थोड़ा उनसे लड़ने में, राहुलजी मज़ेदार दृश्य दिखाते हैं, अजिताभ के साथ कविता में की बातें हैं, अजय जी सदा ही अनोखा ल्ख जाते हैं, जागृति करती उम्र से बड़ी बातें हैं,अनु, आप भी कमाल हो, कैसे संभाले हो इन सब को, लिखती हैं तो भी वाह, डांटती हैं तो भी वाह।
बस ये मेरे मन की बात, और बहुत से मित्र हैं सबसे मेरा नमन….
( अरे, अपने बारे में तो कहा ही नहीं, मैं प्रीत हूँ, सबके दिल में थोड़ा थोड़ा रहती हूँ )
सर्वप्रथम, राहुल का धन्यवाद, यह मन की बात कह कर उन्होंने हम सब के वो ज़ज़्बात सामने रख दिए जो शायद हम सभी एक दूसरे से कह नहीं पाए। मैंने भी इस आजसिरहाने परिवार में अनमोल रिश्ते पाए हैं, सबसे बढ़ कर स्वयं को तलाशा है।
दिन निकलता है, ब्रिजेंद्र जी के आशीश से, अरूणा जी की मुस्कान से रंग जाती है सुबह, कोशिश जी के अल्फाज़ प्रकृित की सुंदर कलाकृति जैसे है, तो शिशिर जी की कविताएं प्रेम रस में भिगोती हैं, उज्जवल बेबाकी से प्रेम का इज़हार करती हैं, तो जीवन का हर पहलू दिखाते हैं अरूण जी अपने ही अंदाज़ में, अर्चना जी दिल छू लेती हैं हर बार, और सुप्रिया जी कमाल के नज़ारे दिखा जाती हैं, राहुल जी की कविता में उबाल है, और जोगी जी प्यार में बेहाल है, पर दोनों ही कमाल हैं, अमित की चुलबुलेपन ने कब मुझे उसे डांट डपट करने का हक दे दिया, पता ही नहीं चला। विशाल जी के गीतों की दुनिया उनकी लेखनी जितनी खूबसूरत है, शिखा की शाम रोज़ नए पहनावे में आती है, ऋृतु कितनी सहजता से मन की बात कह जाती हैं, अंशु मेरी सखी कितना प्यारा लिखती है, दामिनी जी अनूठापन लाती हैं, इंदर जी को पढ़ने में मज़ा आता है और थोड़ा उनसे लड़ने में, राहुलजी मज़ेदार दृश्य दिखाते हैं, अजिताभ के साथ कविता में की बातें हैं, अजय जी सदा ही अनोखा ल्ख जाते हैं, जागृति करती उम्र से बड़ी बातें हैं,अनु, आप भी कमाल हो, कैसे संभाले हो इन सब को, लिखती हैं तो भी वाह, डांटती हैं तो भी वाह।
बस ये मेरे मन की बात, और बहुत से मित्र हैं सबसे मेरा नमन….
( अरे, अपने बारे में तो कहा ही नहीं, मैं प्रीत हूँ, सबके दिल में थोड़ा थोड़ा रहती हूँ )
Heartfelt echos to all the views expressed for Aaj Sirhaane and sincere gratitude to SKB for her drive and dedication for this endeavor. Admiration for her magnanimous handling of the medium that provides a forum for all of us to participate and prosper and not simply compete and conquer. Be it poetry, prose or any other genre of creative pursuit, finding an audience is the hardest part sometimes. Thanks to Aaj Sirhaane for facilitating the path of expression, for bridging the gap between the artist and audience.
जब सब इतना प्यार जता रहे जो दिल से आ रहा तो मैं दिल से कहना चाहता कि आज सिरहाने परिवार दिल में बस चुका है ।
अनुराधा जी को ये कहते हुए बड़ा अच्छा लगता की अरुणा mam loves me more पर हम सब जानते mam loves us all .
Inder aur ajeetabh भैया तो जैसे हमेशा साथ होते ।
शिशिर भैया का हिंदी जितना जटिल होता वो इंसान उतने ही सरल है ।
जागृति तो सोचने पे मजबूर कर देती कि कोई अपनी उम्र से कितना बढ़ कर सोचता ।
nir और प्रीत दी बिलकुल बेटे की तरह ख़याल रखती ।
राहुल और वरुण भाई i love you .
गुलमोहर जी के tweets पढ़ तो हमेशा खिल उठता ।
मेरे लिये शाम का पर्यायवाची शिखा जी है ।
कोशिश जी आपको पता सब कोशिश करते की काश आपकी तरह लिख पायें ।
अर्चना जी को पढ़ कर बहुत कुछ सिखने को मिलता ।
हर कोई जो इस परिवार से जुड़ा है सब लोग दिल में बस गये है ।
दुआ है ये परिवार और बड़ा हो और मैं छोटा ही रहूँ ।
हेलो अनु जी , आपकी इस ‘लव ट्रेन ‘ मे कब चढ़ गया पता ही नही चला । मैं तो platform पर भी नही था कि अचानक उज्ज्वल ने धक्का दिया और मैं चलती गाड़ी मे चढ़ लिया ☺ मुझे लगता है कि मै अभी भी खिड़की पर लटका हुआ हुं चाह कर भी ना छूटता ना छोड़ता ।बाहर ठंडी बयार है तो अदंर से आपकी मण्डली की मधुर धुनो का आता संगीत है , मैं देखता हुं कि अलग- अलग दिशाओं के यात्री ट्रेन मे चढ़ते जा रहे हैं और सफर मे साझा कर रहे है । कितनी सुंदर बात है कि यात्रीयों को गंतव्य स्थान जाने की फिक्र नही वे तो बस इस सफर का आनंद ले रहे है । दूसरे शब्दों मे कहूंगा कि वे जीने के नये ढंग मे रम रहे है सहजता और मासूमियत के साथ ।
आपका धन्यवाद कि आपने हम जैसे लोगों से ATTEMPT करवा लिया । आपने बड़ी कुशलता के साथ तकनीकी का बाखूबी इस्तेमाल करते हुए दोस्तों से मन की बात कहलवायी , वो भी काव्यात्मक लहजे मे । किसी प्रतिष्ठित कवि को भी अपनी रचना पर इतनी जल्दी प्रतिक्रिया नही मिलती जितनी यहां मिल जाती है।
इससे कोई फर्क नही पड़ता कि औसत है या अच्छा , लिख पाना बड़ी बात है….एक नेक कार्य है ।
आपके Advisory Committee और Guest Editor को धन्यवाद के साथ बहुत शुभकामनायें ।
साथ ही आपकी पूरी मण्डली को भी बहुत धन्यवाद ,आशा करता हुं उनकी जिजीविषा बनी रहे , मस्त और खिलखिलाते यात्रियों की तरह आनंद ले और ‘आज सिरहाने’ के इस अनंत सफर के साक्षी बने।इसी दुआ के साथ।
( हो सकता है कि कभी किसी दिन किसी खास झटके से मेरा हाथ छूट जाए और मैं किसी जंगल मे जा गिरूं वहां भी आप लोगों की दिखाई रोशनी से survive तो कर ही लूंगा)
धन्यवाद,
बहुत प्यार से
निर्मल लक्षकार…..
आजसिरहाने की बात हो और मैं फुर्सतनामा को भूल गई ??? ये बहुत गलत हुआ मुझसे।। फुर्सतनामा की आवाज जितनी भी बार सुनी जाए नई लगती है। उनको सुनकर ‘कहना’ सीख रही हूँ। धन्यवाद इतनी मखमली, मधुर आवाज से परिचय करवाने के लिए
अनुराधा जी !
‘आज सिरहाने’ मुझे आकर्षित करता है.गो कि मैं
AS Mandli का पंजीकृत सदस्य नहीं हूँ पर जिस तरीके से आप और आपके योग्य सदस्यों के बीच partcipate करता हूँ, मैं स्वमेव खुद को इसका हिस्सा मान बैठता हूँ. ‘आज सिरहाने’ मण्डली से जितने भी लोग जुड़े हुए हैं, उनका प्रशंसक मैं पहले से से ही हूँ और मेरा सौभाग्य है कि इनमे से अधिकांश आज मेरे दोस्त हैं.. सभी एक से बढ़ कर एक. अपनी रचनाओं पे..बरबस तालियां बजवा लेते हैं, मुंह से ‘वाह’ खींच लेते हैं और मैं खुद को रोक नहीं पाता.
अनुराधा जी ! जिस तरह से नए पुराने सभी लोगों को एक सूत्र में पिरोया है आपने वो काबिल-ए-तारीफ है.
आपकी ‘शाबासियां’ पाकर सब और निखर उठे हैं.
अपनी अन्य वयस्तताओं में से आज सिरहाने के लिये वक़्त निकालना भी मामूली बात नहीं.
मेरी प्रशंसा और शुभकामनाएं स्वीकार करें !
पुनश्च : कल मैंने फॉर्म भरा है, स्वीकार हुआ है या नहीं.. अज्ञात है.
– sudharun49
“jaa Anshu jaa… Jee le apni zindagi…”
;))
Finally I was freed to join a new family. A family for which I can “sab kuchh vaary”
Initially I was hesitated but with time and love n encouragement from anuradha mam, I am now a part of this family.
I m happy and I know it so I m clapping clapping clapping…..
:))
Thanx anu mam for ur efforts to add a new aspect to my life.
Thanx preet for ur lllooovvvvveeeee
Thanx AS mandli
Love you all
🙂
बस में था। लखनऊ से जयपुर के रास्ते, यूँ ही कुछ मन में कुछ भरभरा सा था। ट्विटर खोला, ना जाने कैसे इस मंडली से टकरा बैठा।इस से पहले मैं कुछ समझ पाता, देर हो चुकी थी। मेरा अपहरण हो चुका था। सम्मोहित सा मैं इस मंडली का शिकार बन चुका था ।
तब से आज तक मैं इसके कब्ज़े में हूँ। स्वेच्छा से। अब तो बिना शर्त रिहाई भी नही मंज़ूर।
आज फक्र है कि मैं भी इस गैंग का सक्रिय सदस्य हूँ।
सच पूंछे तो ये गैंग डेंगू, चिकनगुनिया, से भी तेज़ी से निर्बाध रूप से अपने पाँव पसार चुका है। और इसके रोकथाम के सारे उपाय टॉय-टांय फुस्स हो चुके हैं।
इस गैंग की सबसे बड़ी ख़ूबी हम किसी को नही जानते पर सबको जानते है। किसी से नही मिले, पर सबसे रोज़ मिलते है। कोई समोसे खिलाता है तो कोई चीस सैंडविच। रोज़ यूँ ही मोटापा बढ़ता जा रहा है। समझ नहीं आता मित्र हैं….।
और इस गैंग की सरदारांन का तो क्या कहना! खोद खोद के काम करवाती है। थोडा 19/ 20 हो जाये तो ऐसी डांट कि छठी क्या सांतवी आठवी, नवी दसवीं का दूध याद दिलवा दे । शब्दों से ऐसे कूटती है कि बचपन मे माँ की थपकी से की गयी धुलाई याद आ जाती है।
आपके साथ भी हुआ है क्या? नही हुआ तो अहो भाग्य आपके। अंत में आप सभी भाईयों और बहनों से यही कहूँगा कि हम सभी खुशनसीब है जो ये खुशनुमा परिवार मिला है । इस गैंग की tag line-
“Beware we are dangerous…. its contagious” होनी चाहिए।
क्यों है ना
जॉय बी
Arrey waah 😀 😀
बहुत अच्छे जॉय जी 🙂
धन्यवाद
मेरे लेखन की एक बहोत बड़ी कमी रही है, मै सोच के नही लिख पाता था जो सामने दिखता या महसूस करता वही लिख पाता था। कल्पना से परे थी मेरी कलम और मेरी शब्दावली भी सीमित थी।
पहली बार राहुलशब्द भाई के टीएल पे देखा था स्वलेख पंक्षी या परिन्दा के लिए था, मै भी पुराना लिंक दे बैठा और वहीं से मेरा #आजसिरहाने का सफ़र शुरू हुआ। पहली बार हुआ कि तस्वीर दिखी तो कुछ सोच के लिखा, कोई शब्द मिला तो सोचा कि … तृष्णा क्या होती है, किस किस चीज की होती है,
तस्वीरें प्रतिबिंब के अलावा और क्या होती हैं,
ग़ज़ल क्या है यहीं सीखा।
मासूम सर, कोशिश सर, रक्षा मैम, अर्चना मैम, में अच्छे शिक्षक मिले तो पूरा #ASमंडली मित्र बना,, वो रात कभी नही भूल सकता जब मेरे लिए हैसटैग चुना जा रहा था रात के २ बजे तक और ये सिलसिला दो दिन चला।
पाकीज़ा मैम और इंदर सर की बातें पढकर स्कूल का टाईम याद आता है, प्रीत मैम जैसी सरल और खुश मिज़ाज शख्सियत से मिला, प्रीत मैम थैंक्स बहोत बार आप अन्जाने मे ही सही मगर मूड हल्का कर देती हैं 🙏
अनु मैम से परिचय नही है लेकिन दिल में उनके लिए बेइंतिहा इज्ज़त है। वो न होती तो जोगी इश्क़, तड़प और मोहब्बत के आगे शायद कभी न सोचता।
छोटा था तो स्कूल का टाईम टेबल इतनी ईमानदारी से फॉलो नही किया था जितनी शिद्दत से #As के शिड्यूल का इंतज़ार रहता है
टाईम कम रहता है इसलिए बहोत से सेग्मेंटस का हिस्सा नही हूँ, लेकिन पढ़ता सबको हूँ, अनु मैम के ब्लॉग का फैन हूँ, पाकीज़ा मैम शायरी क्या कहने
अजय पुरोहित सर का परिपक्व लेखन
अजिताभ सर की कविताएं
प्रीत मैम की कविता, शाईरी बेहद पसंद है
बहोत कुछ कहना है लेकिन … बाद के लिए भी कुछ बचा लूँ।
अब विराम लेता हूँ। धन्यवाद् आज सिरहाने मेरा अनोखा परिवार 🙏 💐
Ruko ruko…mere paas b ticket hai iss train ka…
Let me in..:D
#आजसिरहाने..रोज सिरहाने होता हैं..
I’ve met many people in life but you guys are special, not only because you are #ASMembers but because you all are a rare specie.
You’ve brought unimaginable warmth and joy to life. I think we were destined to be family and i am grateful to #AS that has brought us together.
May you all Smile more often and brighten this world.
Wish you all the happiness in the world.
A special thanks to Anu mam for creating AajSirhaane. You are an angel who has diminished all the darkness from my life. #AajSirhane has happened to be the best thing of this year.
P.S.
I have been the most inconsistent member of this family. I am glad, i’ve not been externed for “taking more and giving less” to the family.
Thank you :D:D
May the Train takes in all the passengers.
More power to the Engine😋😁
एक लिफ़ाफ़ा मेरा भी ….
….एहसास का झोंका …कदम कदम कर …कब चाँद बन गया पता ही नहीं चला ….बेसब्र सुबह अब बाद में मिलती है … निगाह उससे पहले ही रात भर की ख्वाबी चाशनी लिए #आजसिरहाने के पन्ने पलटने लग जाती है …
…बेहतरीन नायाब किरदारों की ख़ुशबू से बसा ये नुक्कड़ ….जब कोरे कोरे ख्यालो की धुन से बारिश उड़ाता हैं …..तो आसमां नीला नीला हो जाता है ……रूही सकूँ की तरह…
……सियाही, आवाज़ के तरीके तो खूब हैं ही ……तालियों की साँस ज्यादा बेहतर खनकती है
बेहद शुक्रिया #AsMandali बेहद शुक्रिया
कुछ लफ्ज़ गुम
हो गए थे
अभिव्यक्ति खामोश हो गई थी,
आपके द्वारा दिए गये प्रोत्साहन और मंच की वजह से
दबी हुई अभिवयक्ति मुखर हो रही है निखर रही है !!
आवाज ,अल्फ़ाज़,तस्वीर आजसिरहने से कोई पेहलू नहीं छूटा
कलम के जादूगर अपने नायाब करिश्मे दिखाते है !
आपका ह्रदय से धन्यवाद
महुआमीत
#आजसिरहाने
यूँ ही भटकते हुए तेरे दर पे आ गया हूँ मैं
लगता है जैसे अपनी मंजिल पा गया हूँ मैं
माना कि महफिल में अभी अजनबी हूँ मैं
पारखी निगाहों में लगता है आ गया हूँ मैं
अपनी तलाश में खुद निकला हुआ था मैं
तुमको पा के जैसे खुद को पा गया हूँ मैं
पहली वर्षगांठ की आपको और हम सभी को बहुत बधाई। ये एक साल मेरे जीवन का बेहतरीन साल रहा। कामना करती हूँ कि ऐसे अनेकों साल मैं आपके सानिध्य में व्यतीत करूँ। और सारा जीवन ऐसे ही खुशनुमा रहे।
रक बार फिर से बहुत बधाई।
आजसिरहाने आजाना, जिंदगी मेरे घर आ जाना
अनु जैसा कर्णधार है, कभी डांट, कभी दुलार है
प्रीत, इंदर की मीठी तकरार है
शिशिर जैसा सारथी है, जो हिंदी के महारथी हैं
सुप्रिया की शरारत है, रितु की मुस्कान है
राहुल की बोलती हुई तस्वीरें हैं
प्रीत के प्यार की जंजीरें हैं
अंशु कहानी कहने में माहिर हैं
विशु का भोलापन जग जाहिर है
जग्गू की नटखट शरारतें हैं
कोशिश की गज़ल में महारतें हैं
मुसाफिर बहुत दूर के हैं
मगर लिखते बड़े शऊर से हैं
अरुण जी की बात निराली
‘हम_तुम’ बिन सब कुछ है खाली
अरूणा जी की मुस्कान है प्यारी
कहती है मैं जीती, दुनिया हारी
नितिन, नवनीत और अजिताभ
मंडली के हैं हीरे नायाब
उज्ज्वल से मतलब है भोर का
शिखा हैं तो शाम सुहानी
हेताक्षी इक परी सयानी
और बहुत कुछ है कहना सुनना
सबको मिलकर आगे है बढ़ना
बस यही दुआ अब दिल से आए
आजसिरहाने तू मिल जाए
ईश्वर से प्रार्थना है कि यह मंच आगे आने वाले दिनों में सभी के सिरहाने हो। नये कदमों के साथ नयी ऊँचाइयाँ छुए। और शिखर परमातृभाषा का ध्वज फहराए। आपके सार्थक प्रयास के लिए शुभकामनाएं अनु।
स्नेह
निर्
Visited the web page on the computer after a long gap and am delighted to see the massive leap AS has taken within a short span. It feels great. Kudos…!