Best Of Swalekh : Aashiyana

स्वलेख : जुलाई 16, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल विषय : आशियाना  चयनित रचनाएं 1. Joy Banerji @JoyBanny19 मतला मावरा की छत को थामे  मिसरे की दीवारें  काफ़िये की खिड़की पे  रदीफ़ के पर्दे नज़्मों, ग़ज़लों के  गलीचे, मक़्ते की सांकल  और  तरन्नुम के कंगूरे, कुछ ऐसा आशियाँ  सोचा है  तुम्हारे लिए  2. Nilabh @nilabh79…

Best Of Swalekh : Baarish

स्वलेख : जुलाई 9, 2017 मार्गदर्शक : अनुराधा शर्मा  विषय : बारिश चयनित रचनाएं 1. Jagrati Mishra @Jagrati_mishra छत की कोरों से टपकते ठंडे, अनछुए पानी की बूँदों से भीगे आधे-अधूरे पाँव.. रात के दूसरे पहर में बजती आहत-अनहद ध्वनियों से ठिठकती हृदय गति.. तड़कती, चमकती बिजली के बिखरे अस्तित्व से कंपकंपाते पत्ते.. और, हवाओं…

Best Of Swalekh : Os

स्वलेख : जुलाई 2, 2017 मार्गदर्शक : अर्चना अग्रवाल विषय : ओस   चयनित रचनाएं 1 Arun Kumar Srivastava @sudharun49 संसार का चित्रण  करने का सामर्थ्य है मुझमे, कसीदे लिख सकता हूँ मैं तुमपे, पर.. मेरी प्रतिभा अभिशप्त है. मैं चाह कर भी खुद को तुम पर  व्यक्त नहीं कर पाता, लेकिन अनेकों बार अभिव्यक्त…

Best Of Swalekh : Gunaah

स्वलेख : जून 26, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल  विषय : गुनाह  चयनित रचनाएं 1   Preet Kamal @BeyondLove_Iam रोज़ सूरज का निगल जाना अँधेरे को नारंगी शाम का लपेट लेना सवेरे को नदियों का पर्वतों के गर्भ से निडर निकल आना और फिर अथाह समुद्र में बेधड़क मिल जाना फूलों का हर मौसम मुस्कुराना…

Best Of Swalekh : Papa

स्वलेख : जून 18, 2017 मार्गदर्शक : अर्चना अग्रवाल विषय : पापा  चयनित रचनाएं द्वारा : उज्जवल, योगेश, नितीश, डॉ. रेणु, अनुराधा  {मैं, अर्चना अग्रवाल, इस स्वलेख की संचालिका होने के नाते आप सभी को बधाई देना चाहती हूँ कि रचनात्मक  स्तर उत्तरोत्तर  प्रगतिशील है  परंतु इसके साथ ही कुछ बिन्दुओं पर  विशेष ध्यान देना…

Best Of Swalekh : June 11

स्वलेख : जून 11, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल विषय : सवाल चयनित रचनाए द्वारा : सुप्रिया, अरुण  1. Supriya @SipSacredHeart दर्द नारंगी क्यों नहीं होता जब आँखें सुर्ख़ होती हैं और चेहरा सूख-ज़र्द होता है तो दर्द नारंगी क्यों नहीं होता क्यों नहीं होता नभ भीग के गीला क्यों नहीं बरसता अब्र हो कर…

Best Of Swalekh : June 4

स्वलेख : जून 4, 2017 मार्गदर्शक : अर्चना अग्रवाल विषय : दोपहर  चयनित रचनाएं 1 दोपहर का वो वक्त  जब माँ सो जाया करती थी तब सभी बच्चों की टोली आम तोड़ने जाया करती थी माँ कोशिश तो करती थी खूब मुझे सुलाने की आँचल पानी में भिगोती थी और ओढ़ा देती थी मै शैतान…

Best Of Swalekh : May 14

स्वलेख : मई 14, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल विषय : माँ  चयनित रचनाएं 1 बेवज़ह हँसना और खिलखिलाना चाहती हूँ ए माँ, मैं फिर बच्चा बन जाना चाहती हूँ अपनी फ्रॉक को पकड़ गोल – गोल घूमना चाहती हूँ ए माँ मैं फिर बच्चा बन जाना चाहती हूँ जीवन के सूनेपन को भूल ज़ोर से…

Best Of Swalekh : May 21

स्वलेख : मई २१, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल विषय : दिल चयनित रचनाएं 1 दिल का चोखा सौदा ले कर बाज़ारों में जाए कौन सिक्कों के सौदागर हैं सब, दिल का मोल लगाए कौन मेरी बात नहीं सुनता है, दुनिया से उलझा करता है अब खुद से ही रूठ गया है, इस दिल को बहलाये…

Best Of Swalekh : May 7, 2017

स्वलेख : मार्च 19, 2017 मार्गदर्शक : अर्चना अग्रवाल विषय : आशा चयनित कविताएँ सुहृद! मत देखो- मेरी शिथिल मंद गति, खारा पानी आँखों का मेरे, देखो- अन्तर प्रवहित उद्दाम सिन्धु की धार और हिय-गह्वर का मधु प्यार। ।।१।। मीत! मत उलझो- यह जो उर का पत्र पीत इसमें ही विलसित नव वसंत अभिलषित और […]

Best Of Swalekh : April 28

स्वलेख : April 16, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल  विषय : मोड़  चयनित रचनाएं  @shikhasaxena191 हर सुबह वहीं से नही आती जिस मोड़ से कल गई थी रात को काफी वक्त मिलता है, रास्ते बदलने के लिए @JoyBanny19 कहाँ दफ़नाता तिरी ग़लतियों को मेरे मसीहा, हर मोड़ पे पत्थर लिए ख़ुदा मिला। @RawatWrites न जाने […]

Best Of Swalekh : April 21

स्वलेख : April 16, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल  विषय : मोड़  चयनित रचनाएं  @shikhasaxena191 हर सुबह वहीं से नही आती जिस मोड़ से कल गई थी रात को काफी वक्त मिलता है, रास्ते बदलने के लिए @JoyBanny19 कहाँ दफ़नाता तिरी ग़लतियों को मेरे मसीहा, हर मोड़ पे पत्थर लिए ख़ुदा मिला। @RawatWrites न जाने […]

Best Of Swalekh : April 16 (II)

स्वलेख : मार्च 19, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल  विषय : मोड़  चयनित रचनाएं  @shikhasaxena191 हर सुबह वहीं से नही आती जिस मोड़ से कल गई थी रात को काफी वक्त मिलता है, रास्ते बदलने के लिए @JoyBanny19 कहाँ दफ़नाता तिरी ग़लतियों को मेरे मसीहा, हर मोड़ पे पत्थर लिए ख़ुदा मिला। @RawatWrites न जाने […]

Best Of Swalekh : April 16 (I)

स्वलेख : April 16, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल  विषय : मोड़  चयनित रचनाएं  @shikhasaxena191 हर सुबह वहीं से नही आती जिस मोड़ से कल गई थी रात को काफी वक्त मिलता है, रास्ते बदलने के लिए @JoyBanny19 कहाँ दफ़नाता तिरी ग़लतियों को मेरे मसीहा, हर मोड़ पे पत्थर लिए ख़ुदा मिला। @RawatWrites न जाने…

Best Of Swalekh : Mar 19, 2017

स्वलेख : मार्च 19, 2017 मार्गदर्शक : अर्चना अग्रवाल विषय : आशा चयनित कविताएँ सुहृद! मत देखो- मेरी शिथिल मंद गति, खारा पानी आँखों का मेरे, देखो- अन्तर प्रवहित उद्दाम सिन्धु की धार और हिय-गह्वर का मधु प्यार। ।।१।। मीत! मत उलझो- यह जो उर का पत्र पीत इसमें ही विलसित नव वसंत अभिलषित और…