Paarth : Ritu Dixit

“पार्थ, पार्थ, कहाँ हो तुम?” मेजर कृष्णा ने कड़कती हुई आवाज़ में घर में क़दम रखते ही पूछा तो पार्थ क्या, घर की सारी खिड़कियाँ-किवाड़ें काँप गयी एक बार तो। सिर झुकाये एक हृष्ट-पुष्ट जवान २०-२२ साल का पार्थ जब कमरे में आया तो उसे देखकर मेजर साहब और ज़्यादा भड़क गए। “ऐसे कैसे मार…

Blog Of the Month : Fatima Kolyari

Zikr Aur Fikr नशा तेरी यादों से आता है या तेरे ज़िक्र से.. फासले है फिर भी दिल बैचेन है तेरी फ़िक्र से.. जुबां का ज़ायका बदल जाता है तेरे ज़िक्र से.. अजब सी कशिश महसूस होती है तेरी फ़िक्र से.. अरमान दिल के मचलने से लगते है तेरे ज़िक्र से. ज़ेहन ख़ौफ़ज़दा सा हो…

Best Of Swalekh : April 28

स्वलेख : April 16, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल  विषय : मोड़  चयनित रचनाएं  @shikhasaxena191 हर सुबह वहीं से नही आती जिस मोड़ से कल गई थी रात को काफी वक्त मिलता है, रास्ते बदलने के लिए @JoyBanny19 कहाँ दफ़नाता तिरी ग़लतियों को मेरे मसीहा, हर मोड़ पे पत्थर लिए ख़ुदा मिला। @RawatWrites न जाने […]

Best Of Swalekh : April 21

स्वलेख : April 16, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल  विषय : मोड़  चयनित रचनाएं  @shikhasaxena191 हर सुबह वहीं से नही आती जिस मोड़ से कल गई थी रात को काफी वक्त मिलता है, रास्ते बदलने के लिए @JoyBanny19 कहाँ दफ़नाता तिरी ग़लतियों को मेरे मसीहा, हर मोड़ पे पत्थर लिए ख़ुदा मिला। @RawatWrites न जाने […]

Maithili : Ritu Dixit

“क्या सोच कर रखा था, मम्मी-पापा ने यह नाम? कोई राजभोग तो मिला नहीं, न ही मैथिली जैसी लकी निकली की वनवास ही मिल जाए, कम से कम वहाँ तो चैन मिलेगा। जंगल में मंगल, वाह! अरे, पर मच्छर भी तो कितने होंगे वहाँ, यहाँ जैसे स्प्रे तो नहीं करा सकते हैं। ओह्हो, यह क्या…

Mujhe Darr Lagta Hai .. By Ritu Dixit

Ritu Dixit’s yet another powerful and conveying narrative.. this time for ‘Mujhe Darr Lagta hai’ penned by Anuradha Sharma, compliments perfectly to the finest gripping poetic expression.

Sher Aaya Sher Aaya … By Ritu Dixit

Like any of the ageless tales from Sadat Hasan Manto, ‘Sher aaya, Sher aaya..’ is bound to leave you thoughful with a profound message it culminates into. Rendering her accomplished voice to the story, Ritu Dixit ensures a fluent and placid treat for the listeners.