स्वलेख : April 16, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल विषय : मोड़ चयनित रचनाएं @shikhasaxena191 हर सुबह वहीं से नही आती जिस मोड़ से कल गई थी रात को काफी वक्त मिलता है, रास्ते बदलने के लिए @JoyBanny19 कहाँ दफ़नाता तिरी ग़लतियों को मेरे मसीहा, हर मोड़ पे पत्थर लिए ख़ुदा मिला। @RawatWrites न जाने […]
Tag: Pradeep Shukla
Best Of Swalekh : April 21
स्वलेख : April 16, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल विषय : मोड़ चयनित रचनाएं @shikhasaxena191 हर सुबह वहीं से नही आती जिस मोड़ से कल गई थी रात को काफी वक्त मिलता है, रास्ते बदलने के लिए @JoyBanny19 कहाँ दफ़नाता तिरी ग़लतियों को मेरे मसीहा, हर मोड़ पे पत्थर लिए ख़ुदा मिला। @RawatWrites न जाने […]
Best Of Swalekh : April 16 (II)
स्वलेख : मार्च 19, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल विषय : मोड़ चयनित रचनाएं @shikhasaxena191 हर सुबह वहीं से नही आती जिस मोड़ से कल गई थी रात को काफी वक्त मिलता है, रास्ते बदलने के लिए @JoyBanny19 कहाँ दफ़नाता तिरी ग़लतियों को मेरे मसीहा, हर मोड़ पे पत्थर लिए ख़ुदा मिला। @RawatWrites न जाने […]
Best Of Swalekh : April 16 (I)
स्वलेख : April 16, 2017 मार्गदर्शक : कोशिश ग़ज़ल विषय : मोड़ चयनित रचनाएं @shikhasaxena191 हर सुबह वहीं से नही आती जिस मोड़ से कल गई थी रात को काफी वक्त मिलता है, रास्ते बदलने के लिए @JoyBanny19 कहाँ दफ़नाता तिरी ग़लतियों को मेरे मसीहा, हर मोड़ पे पत्थर लिए ख़ुदा मिला। @RawatWrites न जाने…